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 ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही US का एक्शन, 205 अवैध प्रवासियों को लेकर कल अमृतसर पहुंचेगा मिलिट्री प्लेन


अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही अवैध प्रवासियों पर एक्शन तेज हो गया है. अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे 205 प्रवासियों को भारत डिपोर्ट कर दिया है. अमेरिका से डीपोर्टेशन की पहली फ्लाइट कल अमृतसर पहुंचेगी. यूएस एयरफोर्स के सी-17 एयरक्राफ्ट इन लोगों को भारत भेजा जा रहा है. ये पहले से ही अमेरिका में डिटेंशन में थे.

उधर, अमेरिका से अवैध प्रवासियों को भारत भेजने की खबरों पर अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अमेरिका आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के दो हफ्ते बाद अवैध भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने का पहला दौर शुरू हुआ है. ट्रंप ने अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए सख्त नीतिगत दृष्टिकोण अपनाने का वादा किया है और वह पहले ही इससे जुड़े कई आदेशों पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.

‘अमेरिका अवैध प्रवासियों को निकाल रहा’

हालांकि,अमेरिका से फ्लाइट रवाना होने के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने ज्यादा जानकारी नहीं दी. हालांकि, उन्होंने कहा, ”अमेरिका अवैध प्रवासियों को निकाल रहा है. मैं उन जांच के बारे में कोई विवरण साझा नहीं कर सकता, लेकिन मैं रिकॉर्ड पर साझा कर सकता हूं कि अमेरिका अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सख्त है, आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है.”

उन्होंने कहा, ये कार्रवाइयां एक स्पष्ट संदेश हैं कि अवैध प्रवास जोखिम से भरा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 27 जनवरी को फोन पर बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के मामले में वही करेगा जो सही होगा.

अवैध आव्रजन का विरोध करते हैं- भारत

पिछले महीने विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था कि वह अवैध आव्रजन का विरोध करता है और अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने के लिए तैयार है, बशर्ते उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित हो. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 24 जनवरी को कहा कि भारत अवैध आव्रजन का विरोध करता है, क्योंकि इसका संबंध संगठित अपराध के कई रूपों से है. उन्होंने कहा, हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते हमारे साथ दस्तावेज साझा किए जाएं ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित कर सकें और यह पता लगा सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं.

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