असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर उनकी ही सरकार ने छह महीने तक निगरानी रखी. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले भ्रष्ट गठबंधन को दो महीने बाद करारा जवाब मिलेगा.
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी सरमा ने चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के दौरान ये आरोप लगाए. चंपई सोरेन ने 28 अगस्त को झामुमो छोड़ दी थी.
कभी किसी CM के साथ ऐसा होते नहीं देखा- सोरेन
असम सीएम सरमा ने कहा, “झारखंड पुलिस ने छह महीने तक चंपई सोरेन पर निगरानी रखी. मैंने कभी किसी मुख्यमंत्री के साथ ऐसा होते नहीं सुना. मैं आपको (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन) को चेतावनी देता हूं, हम दो महीने बाद करार जवाब देंगे. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल चुनाव होने हैं. इससे पहले सरमा ने दावा किया था कि सितंबर में चुनाव की घोषणा की जाएगी. सरमा ने कहा कि भ्रष्ट हेमंत सोरेन सरकार ने चंपई सोरेन जैसे कद्दावर नेता को भी नहीं बख्शा, जो झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के करीबी थे.
टाइगर जिंदा है- शिवराज सिंह चौहान
उधर, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का बीजेपी में स्वागत करते हुए कहा, टाइगर जिंदा है. सोरेन को झारखंड में ‘कोल्हान टाइगर’ के रूप में जाना जाता है. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सुप्रीमो शिबू सोरेन के साथ झारखंड निर्माण के लिए किए गए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
शिवराज ने कहा, चंपई सोरेन ने झारखंड के निर्माण के लिए बहुत कठिन लड़ाई लड़ी और उनके प्रयासों के कारण ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य बनाया.उन्होंने कहा कि चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को माली की तरह सींचा, लेकिन उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया. चौहान ने कहा, जब चंपई झारखंड के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने बिचौलियों के खिलाफ कड़े फैसले लिए.