No Confidence Movement: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीरव मोदी से तुलना करने को लेकर हमला किया.
सिंधिया ने कहा, ”आज मैं अपने एनडीए के गठबंधन और पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने बोलने का मौका दिया. जिस प्रजातंत्र के मंदिर में ऐसा दृश्य देख रहे हैं. 140 करोड़ की जनता जिससे प्रेरणा लेती है…वहां से स्पष्ट है कि इन लोगों को देश की चिंता है, न प्रधानमंत्री के पद की चिंता है, न राष्ट्रपति के पद की चिंता है. इन्हें बस इन्हें हैसियत की चिंता है.”
उन्होंने कहा, ”संसद में 20 साल हो गए लेकिन ऐसा दृश्य दो दशक में नहीं देखा. जिस तरीके से सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.” दरअसल अधीर रंजन ने कहा था कि नीरव मोदी तो हजारों करोड़ लूटकर चला गया, लेकिन देश में पीएम नरेंद्र मोदी अब नीरव मोदी हो गए हैं.
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा वो निंदनीय है, लेकिन भारत के इतिहास के काले पन्ने पलटे तो मैं सवाल करना चाहता हूं कि साल 1964 में बंगाल में हुए दंगे को लेकर क्यों चुप थे? 1984 के सिख दंगे पर ये लोग मौन क्यों थे.
उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की सारी समस्या कांग्रेस की तुष्ठिकरण के कारण शुरू हुई. साल 1960 के दशक में मणिपुर में अलगाववादियों ने हिंसा शुरू की तो कौन लोग इनसे चर्चा करने को तैयार है. आप भूल गए कि मणिपुर जब 1993 में जल रहा था तो आपकी सरकार केंद्र और राज्य दोनों में थी. आज अधीर दा कह रहे हैं कि मणिपुर के सांसद क्यों नहीं बोले. साल 1993 में मणिपुर के सांसद ने रोते हुए कहा राज्य सरकार असहाय है. सरकार के पास हथियार खरीदने के लिए पैसे नहीं है. कृपया सोचिए कि मणिपुर देश का हिस्सा है. ऐसे में इसका असर देश पर होगा.